Capitalism and Brahmanism – पूँजीवाद और ब्राह्मणवाद

भूखे व्यक्ति का खाने की चीज़ चुराना कानून के विरुद्ध है लेकिन सारे गोदाम खाने की चीज़ों से भरे होने पर भी किसी को भूखे मरने देना पूरी तरह से कानूनी है.

इसे आम तौर पर ‘पूँजीवाद’ कहा जाता है. इसकी ‘अति’ ही संपत्ति का पूर्णाधिकार (absolute right to property) है. भारत में इसका नाम ‘मनुस्मृतिवाद (मानव धर्म)’, ‘ब्राह्मण-बनियावाद’ या ‘सामंतवाद’ है. अब यह इस बात पर निर्भर करता है कि जनता इस व्यवस्था के विरुद्ध कितनी असरदार आवाज़ उठाती है और आने वाली सरकारों से नीतियाँ बदलवाती है.

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