Category Archives: मेघ गीत

Megh Bhagats in Literature – साहित्य में मेघ भगत

आज नेट पर सर्च मार रहा था तो नीचे दिए लिंक पर मेघ भगत बिरादरी का उल्लेख करती एक कहानी मिली. रुचिकर है. आपसे साझा कर रहा हूँ. ओड़ समुदाय पर लिखा सुंदर नाटक ‘जस्मा ओड़न’ मैंने पढ़ा था. परंतु मेघ समुदाय की पृष्ठ भूमि पर लिखी कोई सृजनात्मक रचना पहली बार नेट पर पढ़ी. ऑफिस से लेट हो रहा हूँ परंतु आज इसे यहाँ पोस्ट करके ही जाऊँगा. पढ़िए देसराज काली की लिखी एक सुंदर कहानी.


यह रचना प्रतिलिपि के साभार






4 comments:

ZEAL said…

Nice post. I went on that link and enjoyed reading. Thanks.

Bhushan said…

@ Zeal. I knoow Divya Ji, you are a great reader

निर्मला कपिला said…

ाभी पढ कर आयी हूँ कहानी। पंडा समाज के पास तो हर जाति हर व्यक्ति का बाओडेटा त्यार रहता है। धन्यवाद इस लिन्क के लिये।

deepak saini said…

बहुत अच्छी लगी कहानी। पढते हुए लग ही नही रहा था कि कहानी पढ रहा हूँ ऐसा लग रहा था कि फिल्म देख रहा हूँ, आँखो के आगे चित्र का खिचता चला गया। एक-एक शब्द आखिर तक जोडे रखता है

Megh Vandana – मेघ वंदना

(प्रत्येक व्यक्ति अपनी, समाज की और देश की उन्नति के लिए किसी को इष्ट बना कर प्रार्थना करता है. ऐसी कुछ प्रार्थनाएँ मेघनेट पर पहले से उपलब्ध हैं. मेघ चेतना पत्रिका के दूसरे अंक में श्री यशपाल भगत, आई.ई.एस. की लिखी एक प्रार्थना मिली. इसे मेघनेट पर संभाल लेना चाहता हूँ. यदि आपकी जानकारी में ऐसी अन्य रचनाएँ हों तो कृपया संपर्क करें. ऐसी रचनाओं का एक लिंक इसी ब्लॉग पर Must Visit के नीचे हमारी प्रार्थनाएँ शीर्षक से बना दिया गया है. ये कभी पुस्तकाकार हो कर हमारा मार्ग प्रशस्त करेंगी. साहित्य हमारा हित करता है. प्रार्थनाएँ हमारा भविष्य बनाती हैं.)

   
हे मालिक! ईश्वर, मेरे ख़ुदा।
तेरे चरणों में सजदा करें हम सदा।

हाथ जोड़ करें मेघ यह विनती।
सरबत का भला सब की हो उन्नति।
हर बुराई को कह दें हम अलविदा।
हे मालिक, ईश्वर, मेरे ख़ुदा।

दीन दुखियों को, उठने की दो हिम्मत।
तेरी रहमत से दुनिया बने जन्नत।
हो सच्चाई हमारी सदा संपदा।
हे मालिक, ईश्वर, मेरे ख़ुदा।

बूँद बन कर गिरें, हम मोती बनें।
बुझ न पाए जो वह मेघ ज्योति बनें।
हक़ के लिए सब कुछ कर दें फ़िदा।
हे मालिक, ईश्वर, मेरे ख़ुदा।

सप्त सिंधु के मेघों को वरदान दो।
जो वतन पर मिटे ऐसी संतान दो।
शान से हम जिएँ हो ऐसी अदा।
हे मालिक, ईश्वर, मेरे ख़ुदा।

                यशपाल भगत

                साभार: मेघ चेतना


MEGHnet

Megh Gaan

मेघ गान
जाग मेघ अब तो जाग
छेड़ दे क्रांति का राग

बाँहों में नया जोश भरो
सब की पीड़ा दूर करो
मिटा दो ग़ुलामी के दाग़

अनपढ़ता आलस को छोड़
भाईचारे से सब को जोड़
विद्या के जलें चिराग़
जाग मेघ अब तो जाग

सच्ची सोच हो सुच्चे काम
लिख दो जीवन जनता के नाम
बुझ न पाए दिल की आग
जाग मेघ अब तो जाग
                                        
कर्नल तिलक राज
                                         रिटायर्ड चीफ़ पोस्टमास्टर जनरल
                                         चंडीगढ़, पंजाब
                        आवास: मकान नं.329, अर्बन एस्टेट
                        फ़ेज़ 2, जालंधर शहर – 144022 के सौजन्य से


English Translation
Megh song
Megh! Wake up now
Give revolution an unleashed melody

With new valor in arms
Get rid of all sufferings
Erase the stains of slavery

Give up lethargy and illiteracy
Let all brotherhood unite
Lit the lamp of knowledge
Megh! Wake up now Megh

With honest thinking and real work
Dedicate your life to the public,
Keep the torch of soul burning
Megh! Wake up now Megh
                                   
Courtesy: Col Tilak Raj
            Retired
Chief Postmaster General
                                    Punjab, Chandigarh
                                    Resi: House No.329, Urban Estate
                                    Phase 2, Jalandhar City – 144022

  

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