प्रो.राजकुमार और श्री एम.आर. भगत एवं अन्य प्रतिनिधि
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किसी समुदाय के भीतर कार्य कर रहे विभिन्न सामाजिक संगठनों का मिल कर अपने कार्यक्रम बनाना समुदाय के विकास का अगला चरण माना जाता है. मेघवंशियों के जम्मू-कश्मीर स्थित मेघ-भगत समुदाय ने, मेरी जानकारी के अनुसार, पहली बड़ी संगठनात्मक पहल की है कि कई वर्ष से कार्यरत ‘मेघ सुधार सभा’ (Megh Sudhar Sabha) और ‘भगत महासभा’ (Bhagat Mahasabha) ने मिल कर अपने कार्यक्रम बनाने का और सामाजिक उत्थान का संकल्प लिया है. परंपरावादी शक्तियों द्वारा कई नाम दे कर भयंकर रूप से बाँट दिए गए इस समुदाय में बहुत समय के बाद यह सकारात्मक लक्षण देखने को मिला. विश्वास होने लगा है कि पंजाब और जम्मू-कश्मीर में इस समुदाय के भीतर कार्य कर रहे अन्य पुराने और ढीले ढँग से चल रहे संगठन इससे प्रेरणा लेकर एकता और विकास को मिशन बनाएँगे. इससे युवा शक्ति बड़े पैमाने पर आ जुड़ेगी. रास्ता लंबा है और बेचैनी भी बहुत है. शिक्षा, जागरूकता और निरंतर कार्य भी चाहिए.
बधाई और सुनहरे भविष्य हेतु शुभकामनाएँ.
अधिक विस्तार के लिए ये लिंक देखें
1. दैनिक जागरण
2. State Times
3. भगत महासभा
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