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Dr. J.B.D. Castro – Long live Homoeopathy – डॉ. जे .बी.डी. कास्ट्रो – होमियोपैथी ज़िंदाबाद
1962-63 में स्वामी व्यास देव की पुस्तक ‘बहिरंग-योग’ पढ़ कर योग सीखना शुरू किया. हृदयगति को रोकने वाला ‘हृदय स्तंभन प्राणायाम’ भी सीखा. इसी लिए प्राणायाम करने के बाद अपनी हृदय की धड़कन जाँचने की आदत पड़ गई हाँलाकि यह प्राणायाम अधिक समय तक नहीं किया. 1973 में एम.ए. करने के दौरान एक बार लगा कि मेरी धड़कन नार्मल नहीं थी. जब साँस अंदर लेने के बाद साँस बाहर निकालता था तो एक धड़कन मिस हो जाती थी.
Dr. J.B.D. Castro |
घर आकर डॉक्टर की बात को फिर से समझा. विचार आया कि कुछ है जो ‘एग्ज़ेग्रेशन’ है. साइकिल उठाई और सीधे होमियोपैथ डॉक्टर जे.बी.डी. कैस्ट्रो के यहाँ चला गया. दिल की सारी बात बताई. डॉक्टर ने मोटी-मोटी आँखों में से गहरी नज़र डाली. अपने टिपिकल केरलाइट हिंदी उच्चारण में पूरे अपनत्व के साथ कहा, “ओह! यह तकलीफ़ उनको होती है जो अपना दिल अपने पास ही रखते हैं, किसी को नहीं देते. वहाँ बेड पर लेट जाओ.” उनके स्टाइल पर मुस्कराता हुआ मैं वहाँ जाकर लेट गया. डॉ. कैस्ट्रो अपना स्टेथोस्कोप पकड़े मुझे ध्यान से देखे जा रहे थे. अचानक उन्होंने एक पुराना फिल्मी गीत गुनगुनाना शुरू किया- ‘इस दिल के टुकड़े हज़ार हुए, कोई यहाँ गिरा कोई वहाँ गिरा…’. उनके गाने पर मेरी हँसी छूट गई. वे उठे, जाँच करने के बाद बोले, “तुम को कुछ नहीं हुआ है. हार्ट-वार्ट बिलकुल ठीक है. पल्पीटेशन की मेडिसिन ले जाओ. ठीक हो जाओगे.”
कुछ दिन पहले किसी ने बताया है कि जिसे वाक़ई दिल की तकलीफ होती है उसकी आँखों में चिंता होती है और वह डॉक्टर को रिपोर्ट करते समय मुस्करा नहीं सकता. जबकि डॉ. कैस्ट्रो के गाने पर मैं मुस्करा रहा था. शायद डॉ. कैस्ट्रो इसी लक्षण को जाँच-परख रहे थे.
Nobel laureate gives homeopathy a boost (यह महत्वपूर्ण यह लिंक प्रिय भाई सतीश सक्सेना ने टिप्पणी के द्वारा भेजा है. आभार.)
Dr. J.B.D. Castro
Dr. Dinesh Sahajpal
A homoeopathic success story via Dr. Dinesh Sahajpal – एक होमियोपैथिक सफलता की कहानी बाज़रिया डॉ. दिनेश सहजपाल
पूरा परिवार होमियोपैथों का था. कोई डिग्रीधरी, कोई आरएमपी और कोई उनका अधीनस्थ. फिर भी होनी यह हुई कि 30 वर्ष पहले उनकी एक बहु को हिस्टीरिया हो गया. कड़वी ज़बान उग आई, सनकी हो गई और बेशर्मी की हरक़तें करने लगी. आस-पास कोई बैठा है इसका भी ध्यान उसे न होता (typically Hyoscyamus). घर के होमियोपैथों ने उसके मामले को सँभाला. काफी वर्ष तक गुज़ारा ठीक-ठाक चला हालाँकि सौ फीसदी आराम नहीं आया.
एलोपैथ अवश्य झल्लाया होगा, “आईएमए के होते हुए यह क्या हो रहा है.” 😦
(किसी पत्रिका में पढ़ा था कि एम. के. गाँधी, फिल्म एक्टर अशोक कुमार और मनोज कुमार होम्योपैथी के बड़े फैनों में से रहे हैं. लता मंगेशकर अपने गले के लिए अशोक कुमार से दवा लिया करती थी).
Dr. J.B.D. Castro – Miracle we call him – बोले तो चमत्कार !!! डॉ. कैस्ट्रो
चंडीगढ़ के एक प्रसिद्ध होमियोपैथ हैं डॉ. कास्ट्रो (Dr.J.B.D. Castro). केरल के हैं. इनके बहुत से मज़ेदार किस्से-कहानियाँ होमियोपैथी के सर्कल में मशहूर हैं. चंडीगढ़ और आसपास के क्षेत्र में होमियोपैथी को लोकप्रिय बनाने में इनका कोई सानी नहीं.
जैसा कि कहा जाता है- डॉक्टर इज़ डॉक्टर. उसने दो युवाओं का जीवन बचा लिया जो अधिक महत्वपूर्ण है.
मैं डर रहा हूँ कि यदि असली बात से अनजान उस महिला ने मेरा ब्लॉग में सच को पढ़ लिया तो? लेकिन डर इस बात से दूर हो रहा है कि मेरा ब्लॉग हिंदी में है और फिर….डॉक्टर पास ही है न.