जयपुर 08 अगस्त 2010 राजस्थान प्रदेश बलाई समाज जागृति महासंघ की सातवीं महापंचायत धर्मशाला एवं छात्रावास भेरूजी के मन्दिर के सामने बेनाड़, जिला जयपुर में अखिल भारत अनुसूचितजाति परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल डेनवाल की अध्यक्षता एवं श्री लालचन्द कटारिया सांसद जयपुर ग्रामीण के मुख्य अतिथि एवं श्री नारायण कुलरिया, उप जिला प्रमुख विशिष्ट अतिथि सहित अनेक गणमान्य लोगों के साथ बलाई महापंचयात एवं बलाई समाज सामूहिक गोठ का आयोजन बडी धूम-धाम से संम्पन हुआ एवं बलाई समाज के जनजाग्रण हेतू विशाल वाहन रेली भी निकाली गई जिसमें लाल चन्द कटारिया क्षेत्रीय सांसद ने अपने कोटे से 5 लाख रुपये बलाई सामुदायिक भवन के निर्माण व 2 लाख रूपये श्री नारायण कुलरिया उप जिला प्रमुख ने शौचालय निर्माण व भेरूलाल बुनकर जिला पार्षद ने बलाई सामुदायिक भवन के लिए 2.5 लाख रुपये देने की घोषण की गई. इसके अलावा अनेक समाज सेवकों ने भी अपनी श्रद्धा के अनुसार सहयोग दिया. इस अवसर पर अनेक भजन कार्यक्रम भी हुए. श्री बंन्सीधर रांगेरा, महानगर अध्यक्ष एवं श्री हरिश बागोतिया प्रदेश महामंत्री, श्री भैरू लाल जाटावत जिला पार्षद व श्री महेन्द्र तानावाड, ठेकेदार, चौमू श्री बंशीलाल चाहिल्या एडवोकेट अध्यक्ष राजस्थान प्रदेश बलाई बिग्रेड, संयोजक व्यवस्था कमेटी श्री आर.जी. बुनकर प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान प्रदेश बलाई समाज जागति महासंघ जयपुर, श्री बद्रीनारायण बाण्डिया ग्राम अणतपुरा वाया जैतपुरा चौमू, संयोजक जोधाराम बुनकर देगडावास, पं. नरोत्तम सागर संयोजक कर्मकाण्ड शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान बढारणा, श्री मांगीलाल रांगैरा खोराचिराडा, श्री किशनलाल तानावाड अध्यक्ष राज मेघवंशी बलाई समाज सामूहिक विवाह संस्थान, श्री हरिशंकर बुनकर तहसील अध्यक्ष बलाई समाज जाग्रति महासंघ धाटाजलधारी जमवारामगढ, श्री रामजीवन बुनकर, श्री बंशीधर बुनकर जालसु व्यवस्था कमेटी, श्री गोपाल कांदेला महासचिव जयपुर महानगर राजस्थान मेघवंशी कल्याण परिषद्, श्री अर्जुनलाल मेघवंशी तहसील अध्यक्ष बलाई जाग्रति महासंघ कानोता (बस्सी), सहित अनेक बलाई संस्थाओं के पदाधिकारी सहित चौमू, शाहपुरा, विराट नगर जमवारामगढ, सांभर फुलेरा, अजीतगढ़ (जिला सीकर) बस्सी, दूदू आमेर कानोता सहित अनेक तहसीलों सहित जयपुर महानगर के पंच पटेलों व अन्य बलाई समाज के प्रमुख समाज के गण मान्य गणों के बीच बैठक हुई जिसमें निम्नलिखित निर्णय लिये गयेः-
1. हमारा समाज मेघवंशी है और सर्वब्राह्मण महासभा की तर्ज़ पर व कर्मचारी-कर्मचारी भाई-भाई कि तर्ज़ पर अगर कोई सर्व मेघवंशी महासभा बनती है तो हमे अपनी जाति बलाई का स्वरूप बनाए रखते हुए समरसता का परिचय देते हुए सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, आज की समय की मांग के अनुसार उसकी मदद कर सामाजिक व राजनीतिक एकता का परिचय देना चाहिए.
2. जगह-जगह समाज उत्थान के लिए छात्रावास, बालिका छात्रावास, विद्यालय, महाविद्यालय, आवास, धर्मशालाएँ, प्रशिक्षण केन्द्र, कोचिंग आदि का निर्माण करते हुए क्लास, पैत्रिक कार्यों की ओर भी ध्यान दें.
3. कोई भी व्यक्ति दूसरे समाज की मीटिंगों/सभाओं/पंचायतों या महा-सम्मेलनों में उस जाति का व्यक्ति बनकर नहीं जायेगा या पिछल्गू बन कर नही रहेगा. समाज एकता को जो भी खण्डित करने की कोशिश करेगा वो समाज का दोषी कहलाएगा. साथ ही रोटी-बेटी और वोट समाज को ही दिया जाएगा.
4. सफाई कर्मचारी आयोग की तर्ज़ पर बुनकर आयोग व बुनकर वित्त व विकास सहकारी निगम की स्थापना की जाए. राजस्थान राज्य बुनकर सहकारी संघ व राजस्थान हैण्डलूम बोर्ड में बलाई जाति के बुनकर को ही अध्यक्ष बनाया जावे. गुर्जर समाज की भान्ति देवनारायण बोर्ड की तर्ज़ पर बुनकर कल्याण बोर्ड बनाए जाकर 400 करोड़ रुपये का प्रावधान कर केबिनेट का दर्जा देकर बलाई (बुनकर) को ही अध्यक्ष बनाया जाए.
5. गैर सरकारी संस्थाओं में आरक्षण एवं गांव की दुग्ध डेयरी, ग्राम सेवा सहकारी सोसायटियाँ, सहकारी बैंक आदि में गांव से लेकर जिला एवं प्रदेश स्तर पर अध्यक्ष/उपाध्यक्ष के पदों पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आरक्षण लेने का प्रयास करेंगे.
6. जनसंख्या के अनुसार देश व प्रदेशों के बजट में से हमारे समाज के विकास पर खर्च किया जावे एवं जनसंख्या के अनुपात के अनुसार ही खेती व अन्य जमीनों पर खातेदारी अधिकार दिए जाए व सरकारी योजनाओं में जनसंख्या के अनुपात के अनुसार ही भगवान मेघ, भगवान मेघऋषी महाराज, संत कबीर साहेब, बाबा रामदेव जी महाराज, बाबा साहेब डॉ.अम्बेडकर, गरीब साहेब आदि के नाम से सरकारी योजनाओं के नाम काबिज की जाए. एवं इन संत-महात्माओं के नाम से डाक टिकट बनाए जाएं.
7. किसी भी उस दूसरे समाज के व्यक्ति के शादियों आदि अन्य समारोह में भोजन प्रसादी नहीं लेने जाएँ जो हमारे यहाँ आकर नहीं खाता हो. एवं मृत्युभोज एक अभिशाप है इस पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया जाए. निमन्त्रण के लिए (चीरी) भी जारी न की जाए बल्कि अपने निजी सगे-संबंधियों तक ही सीमित रखी जाए.
(आर.जी. बुनकर, प्रदेश अध्यक्ष) (बंशीधर रांगैरा, महानगर अध्यक्ष जयपुर)
Other links from this blog